अर्जित सेवा | Arjitha Sewa
अर्जित का अर्थ है मंदिर प्रबंधन द्वारा निर्धारित शुल्क का भुगतान कर भगवान के दर्शन या सेवा करना अर्जित सेवा | Arjitha Sewa है। शुल्क का भुगतान कर किसी विशेष सेवा में प्रवेश लेने को “आमंत्रणोत्सवम” के रूप में जाना जाता है। तिरुमला मंदिर में विविध सेवाओं कााआयेाजन होता है, जिनके बारे में समग्र जानकारी आगमों के माध्यम से दी गई है।
आम तौर पर आगमों को वेदों के साथ प्राथमिक हिंदू शास्त्रों के रूप में वर्णित किया जाता है। सभी आगम अनुष्ठान के विज्ञान को स्पष्ट करते हैं, लेकिन “वैखानस आगम” (VAIKHANASA AGAMA) की विशिष्टता यह है कि यह मंदिर और घर दोनों में अनुष्ठान के निष्पादन पर अधिक ज्ञान देता है।
“वैखानस आगम” दो भागों में है। पहला भाग मंदिर में और पीठासीन देवता के लिए किए जाने वाले अनुष्ठानों से संबंधित है। दूसरा भाग शुद्धिकरण समारोह से संबंधित है, जिसे मंदिर में सेवा करने योग्य बनने को एक पुजारी करता है।
“वैखानस आगम” ऋषि विखानासा द्वारा लिखा गया था, इसे चार मुख्य “वैष्णव आगमों” में से एक माना जाता है। मारीची, भृगु, कश्यप और अत्रि, ऋषि विखानासा के चार शिष्यों ने दुनिया भर में वैखानस आगम का सार फैलाया।
तिरुमला (Tirumala) में भगवान वेंकटेश्वर के प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर (Titupati Balaji Mandir) में किए जाने वाले दैनिक, साप्ताहिक, मासिक और वार्षिक अरिजीत सेवा या त्योहार कई शताब्दियों से वैखानस आगम की अनुशंसाओं के अनुसार हैं।
वैखानस आगम दिन में 6 बार पूजा करने की अनुशंसा करता है। प्रत्यूषम, जनसंख्या के स्वास्थ्य की कामना करती है। प्रात:काल जो जप और होम का वर्णन है, राज्य की उन्नति के लिए मध्याह्न और दुष्टों का विनाश के लिए अपराहन पूजा का प्रावधान है। सायंकाल जो अधिक से अधिक कृषि उत्पादन की कामना से की जाती है और निशी आराधना राज्य में पशुधन को समृद्ध करती है।
चूंकि मंदिर में एक दिन में छह पूजा करना हमेशा संभव नहीं होता है, वहीं आगम भी न्यूनतम एक पूजा की सिफारिश करता है।
“शतकालं व त्रिकालं व द्विकालं एककालं व पूजनं देव देवस्या”
तिरुमला में वर्तमान में तीन पूजाएं की जाती हैं, एक सुबह तोमाला सेवा के संयोजन में जो जनता के लिए खुली है, दूसरी पूजा मध्याह्ना (दोपहर में) और तीसरी रात में जो विशुद्ध रूप से अत्यंत निजी है और इसमें अर्चक, अकेले मंदिर के परिचारक और आचार्य पुरुष भाग लेते हैं।
तिरुमला तिरुपति देवथानम (TTD) का मंदिर प्रशासन दैवीय कार्य के रूप में पीठासीन देवता की दैनिक अर्जित सेवा करता है और भक्त सेवा में शामिल होने के प्रतीक के रूप में दर्शनार्थियों को भी इसमें भागीदारी की अनुमति देता है।
दैनिक सेवा | DAILY SEVA
किसी भी दिन पीठासीन देवता भगवान वेंकटेश्वर की सेवाएं ब्रह्म मुहूर्त में अर्जित सेवा (Arjitha Sewa) सुप्रभातम से शुरू होती हैं। उसके बाद तोमाला, अर्चना और अंत में एकांतसेवा (आम श्रद्धालुओं के लिए नहीं) के साथ समाप्त होती है। अर्चना के बाद कुछ अर्जित सेवाएं (Arjitha Sewas) भगवान वेंकटेश्वर की शोभायात्रा के रूप में भी की जाती हैं, जिन्हें “मलयप्पा स्वामी” के नाम से भी जाना जाता है। इसमें कल्याणोत्सवम, अर्जित ब्रह्मोत्सवम, डोलोत्सवम, वसंतोत्सवम और सहस्र दीपलंकार सेवाएं शामिल हैं।
- सुप्रभातम | Suprabhatam
- अर्चना | Archana
- तोमाला सेवा | Thomala Seva
- एकांत सेवा | Ekantha Seva
साप्ताहिक सेवा | WEEKLY SEVA
सप्ताह के दिनों में, प्रत्येक दिन की पूजा का एक विशिष्ट अनुष्ठान होता है जिसका धार्मिक महत्व होता है। ऐसी सेवाओं को साप्ताहिक सेवा कहा जाता है।
- विशेष पूजा (सोमवार) | Vishesha Puja (Monday)
- अष्टदल पद पद्मराधन (मंगलवार) | Ashtadala Pada Padmaradhana (Tuesday)
- सहस्र कलशाभिषेकम (बुधवार) | Sahasra Kalasabhishekam (Wednesday)
- तिरुप्पवाड़ा सेवा (गुरुवार) | Tiruppavada Seva (Thursday)
- अभिषेकम-वस्त्रलंकार सेवा-निज पद दर्शनम (शुक्रवार) | Abhishekam-Vastralankara Seva-Nija Pada Darshanam (Friday)
समय विशेष पर हाेने वाली आवधिक सेवा | PERIODICAL SEVA
विशेष नक्षत्र के महत्व के बाद तिरुमला में किए जाने वाले धार्मिक महत्व के वार्षिक कार्यक्रम आवधिक सेवा हैं।
- तपोत्सवम या फ्लोट फेस्टिवल -वर्ष में 5 दिन (मार्च)
- वसंतोत्सवम – वर्ष में 3 दिन (मार्च या अप्रैल)
- पद्मावती परिणयम – वर्ष में 3 दिन (मई)
- अभिदेयक अभिषेकम – वर्ष में 3 दिन (जून-वार्षिक)
- पुष्प पालकी – (जुलाई)
- पुष्प यगम – (नवंबर)
- कोइल अलवर थिरुमंजनम – (वर्ष में 4 बार)
- पवित्रोत्सवम – साल में 3 दिन (अगस्त)
सभी अर्जित सेवाएं और त्योहारों के दर्शन टिकट एक या दो महीने पहले बेचे जाते हैं ताकि भक्तों को उनकी यात्रा और श्रीवारी मंदिर में पवित्र कार्यक्रम में भाग लेने का लाभ मिल सके।